ए जिंदगी तुम्हें कहां-कहां नहीं ढूंढा हर गली हर चौराहों पर बस उनकी वादों और इरादों इशारों का सवाल ढूंढने में उम्र निकलने को है प्यार सिर्फ ख्वाब बन कर रह गया तुम को कबूल कर लो मुझसे मोहब्बत है तुम कबूल कर लो मुझसे मोहब्बत है एक भूल कर लो मुझसे मोहब्बत है लौट कर जा नहीं पाओगे उम्र भर इकरार कर लो मुझसे मोहब्बत है वह बेवफा हो गई वह बेवफा हो गई तुम निराश मत हो तुम्हारी उदासी का मैंने एक जुगाड़ ढूंढ लिया है लौटकर आएगी और अपनी भूल पर पछताएगी टूट कर बिखर जाएगी अपने गुरुर से तुम्हारे प्यार की कीमत अपने आंसुओं से उसको चुकाना पड़ेगा
नींद खुलते ही मैं आपके ख्वाबों खयालों में खो जाता हूं आपकी राहों पर आंखें बिछाए हुए इंतजार करता रहता हूं ना जाने कब तुम जान बन गए आपसे खुद से ज्यादा प्यार करता हूं
पहली मुलाकात में मैं हो गया
पहली मुलाकात में मैं हो गया आपका अपनी आंखों से ऐसे इशारा किया आपके बिना मुझे अकेले रहना अच्छा लगता नहीं आपका प्यार पाने को आजकल तड़पता हूं
हम उतर जाएंगे यूंही धीरे धीरे
हम उतर जाएंगे यूं ही धीरे-धीरे आपके प्यार के सागर में मुझे रास्ता देना कभी नाराज मत होना हम जान बन जाएंगे खुद एक दिन महसूस करोगे